Bedeutung: यूपी में फर्रुखाबाद के किसान पहले के मुकाबले काफी जागरूक हो गए हैं. किसान खेती में नए-नए प्रयोग करने के लिए हमेशा. त ैयार रहते हैं. अब किसान पारंपरिक खेती के अलावा नगदी फसलों पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं. जिसके कारण कमाई के रास्ते भी खुल गए हैं. ऐसे समय पर यहां के किसान अब इस खेती के जरिए मोट ी कमाई भी कर रहे हैं.
फर्रुखाबाद के किसान अब अपने खेतों में. मिश्रित Das ist nicht alles, was ich meine रही है. जहां किसानों की प्रति बीघा Nein. वहीं, मिश्रित खेती करने वाले किसान बताते हैं क ि वह लगातार कई दशकों से यह फसल करते आ रहे हैं. इससे उन्हें कभी भी नुकसान नहीं बल्कि लाखों रु पए का फायदा ही हुआ है.
सब्जियों की खेती करने वाले किसान ने बताया
कमालगंज के मिर्जा नगला गांव निवासी किसान चंद्र बताते हैं कि वह बचपन से ही मिश्रित खेती. क रते आ रहे हैं, जिससे उन्हें तगड़ी कमाई होती है. वहीं ्हें आज तक नुकसान नहीं हुआ. बल्कि सरकारी नौकरी करने वाले व्यक्ति से अधिक मुनाफा हो जाता है. Es dauerte 4 bis 5 Minuten र रुपए की लागत आती है. वहीं, एक बसल तैयार होने के बाद पहले ं की बिक्री करते हैं. इसके बाद निकलने वाली फसल की अच्छी खासी बिक्री होती है.
हरी सब्जियों की है बाजार में तगड़ी डिमांड
किसान ने बताया कि जब दस वर्षों से लगातार खेती. क रती आ रही है. वही जिस प्रकार उनके पर खेती के लिए थोड़ी सी ही भूमि है. Es ist nicht einfach ं. Es ist nicht einfach पए का मुनाफा हो जाता है. वही मूली की फसल को उगाने में लगभग दो हजार रुपए की लागत आ रही है. लेकिन एक बार जब खेत से फसल निकलना शुरू होती. हैं तो फिर मंडी में डिमांड बढ़ जाती हैं. Es ist nicht einfach, es zu tun री हो रही है.
मिश्रित खेती का तरीका
किसान बताते हैं कि वह अपने खेतों में सबसे पहले. मूली के पौधों की रोपाई करते हैं. Das ist nicht alles Ja. इसके बाद की क्यारियों के ऊपर धनिया की बुवाई कर Ja. समय अवधि के बाद जब मूली की फसल तैयार होती है, तो. Es ist nicht einfach. ऐसे समय पर एक समय पर ही 5 फसल से यह हजारों रुपए क कमाई करते हैं.
क्या है खेती का तरीका
किसान ने बताया कि वह सबसे पहले खेत को अच्छे से समतल करते हैं. इसमें क्यारियां बनाकर पहले से तैयार की गई पौध ों को प्रति एक मीटर पर 2 पौधों को रोप देते हैं. Es ist nicht einfach. इसके बाद जब पौधे बड़े होने लगते हैं, तो इनको मू ली निकलने लगती हैं. जिसे मंडी में बिक्री कर देते हैं. इसके बाद जब पौधों से पूरी फसल निकल जाती हैं, तो इसके पौधे को खेत में ही हरी खाद के रूप के. प्रयोग कर लेते हैं.
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ERSTVERÖFFENTLICHT: 28. Oktober 2024, 11:30 IST