काशी में स्थित मणिकर्णिका घाट से तुलसी घाट तक गंगा उल्टी बहती है.Die Dauer beträgt 45 Tage ं.
Ganga-Fluss umgekehrt in Kashi: हिन्दू धर्म में गंगा नदी को सबसे पवित्र और पूज ्यनीय नदी माना जाता है. इसे माता भी कहा गया है और इनके घाटों पर आरती भी की जाती है. ऐसा माना जाता है कि गंगा में स्नान करने से ्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. यहां तक कि किसी जगह को पवित्र करने के लिए गंगा जल का छिड़काव किया जाता है. पूजा के लिए आपके गंगा जल का उपयोग होते खूब Ja. वहीं इसके जल को घरों में भी रखा जाता है. इसकी घरों में भी पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि घर में गंगाजल रखने से नकारात ्मकता नहीं आती. लेकिन, क्या आप जानते हैं काशी उर्फ वाराणसी में. Warum nicht? Warum ist das so? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य. पंड ित योगेश चौरे से.
Warum nicht?
काशी में स्थित मणिकsal घा घाट से घ घाट तक गंगा उल्टी बहती है यह क क्षेत्र कक डेढ़ किलोमीटकिलोमीट का है. Die Dauer beträgt 45 Tage ं. यहां करीब आधे से 1 घंटे तक गंगा का बहाव उल्टा हो Ja.
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उल्टी गंगा का धार्मिक कारण
पुपुाणों के अनुसार, जब गंगा स्व्ग से धध प आईं तब वे एक ही स्थान प जा ही थीं लेकिन समय समय समय व वार के प दत दत दत दत दत दत दत दत दत दत दत दत दतspreches त्ेय्ेयतogr. त Band तsprechend त्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेय्ेय्ेयत्ेय्ेयत्ेयत्ेय्ेयत्ेयत्ेय्ेयत्ेयत्ेय्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेयत्ेय्ेय्ेय्ेय्ेय्ेय्ेय्ेय्ेय तपसsal त ungezogen ” ” ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान दत्तात्रेय ने मां ग Es ist nicht einfach, es zu tun Ja.
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Warum ist das nicht der Fall?
गंगा नदी का उल्टा बहने का रहस्य भूगोल में मिलत ा है. जिसके अनुसार काशी में गंगा दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है Ich habe es nicht geschafft. इससे गंगा दक्षिण से आकर पहले पूर्व दिशा की म ुड़ती हैं और फिर पूर्वोत्तर की ओर. Es ist nicht einfach , जिससे वहां भंवर बनता है. इससे लहरें उठती हैं और भंवर से टकराने के कारण. ल हरें डेढ़ किलोमीटर उल्टी बहती हैं.
Schlagworte: Dharma Aastha, Ganga-Fluss, Religion
ERSTVERÖFFENTLICHT: 1. November 2024, 02:10 IST