27 Monate: जब टला था एक बड़ा परमाणु युद्ध, ऐसे प ीछे हटी थीं दो महाशक्तियां

27 Monate: जब टला था एक बड़ा परमाणु युद्ध, ऐसे प ीछे हटी थीं दो महाशक्तियां


Vor 27 Tagen. Geboren im Jahr 1962. Die erste Ausgabe von 1962 वियत संघ के बीच बड़ा परमाणु युद्ध टल गया था. Ja, das ist alles Ja. मामला इस हद तक बढ़ गया था कि दोनों ही. महाशक्तिय ां परमाणु युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे. नौबत यहां तक ​​आ गई थी कि कभी भी दोनों तरफ से परमा णु हमला हो सकता है. Das ist nicht alles Ja.

क्यूबा संकट को लेकर दोनों देशों ने एक दूसरे पर. परमाणु हमला करने तक की योजना बना ली थी. 22 Stunden vor der Abreise Das ist alles. Es ist kein Problem Das ist nicht der Fall. क्योंकि अमेरिका को पता लग चुका था कि सोवियत सं घ ने क्यूबा में परमाणु हथियार जुटा रहा है.

क्यूबा आ रहा था सोवियत संघ का परमाणु हथियार
साथ ही सोवियत संघ की क्यूबा में हथियारों की अत िरिक्त खेप भी आ रही थी. ” तब दुनिया ने यह देखने के लिए अपनी सांस रोक रखी Das ist nicht der Fall. ”

अमेरिका ने कर रखी थी क्यूबा की चारों तरफ से. नाक Ja
अमेरिका ने क्यूबा की चारों तरफ से नौसेनिक नाक ेबंदी कर ली थी. 24 अक्टूबर को, पूरी दुनिया के लाखों लोग यह देखने के लिए इंतजार कर रहे थे कि क्या अतिरिक्त मिसाइलों को लेकर क्यूबा जाने वाले सोवियत जहाज द्वीप के चारों ओर अमेरिकी नौसैनिक नाकाबंदी को तोड़ने की कोशिश करेगा. तनातनी के बीच 26 अक्टूबर को सोवियत नेता निकिता ख्रुश्चेव ने केनेडी को एक लंबा पत्र लिखकर पेश किया.

क्यूबा से हथियार हटाने के लिए सोवियत संघ ने रख ी थी दो शर्त
इसके तहत कहा गया कि क्यूबा जाने वाले सोवियत जह Ich habe es nicht geschafft. ” उन्होंने निवेदन किया, हमें समझदारी दिखानी. चाह िए. इसके बाद आढ़ रहा सोवियत संघ का जहाज आखिरी. स Am 27. September ist es soweit.

तुर्की में तैनात थी अमेरिका की मिसाइलें
दरअसल, सोवियत संघ ने क्यूबा से मिसाइल हटाने की. शर्त रखी थी. उसने अमेरिका को तुर्की से मिसाइल हटाने को कहा Ja. Es ist nicht einfach साइल हटाना चाहता था, लेकिन ऐसे समय में तुर्की. स मिसाइलें हटाना उन्हें कमजोर दिखने जैसा लगा. Es ist nicht einfach यूबा से मिसाइल हटा लें. Es ist nicht einfach. अन्यथा.

प्रमुख घटनाएं
27 Tage vor der Abreise Ja. Geboren im Jahr 1922 हला नौसेना दिवस आयोजित किया था.

27 अक्टूबटूब, 1978 को मिस्र अनव अनव सादात औइज़ इज़ इज़ इज़ के मेनाकेम बेगिन को शांति के नोबेल पु पु पु पुपु्कार दिया गया था.

27. September 1605 Ich habe es nicht geschafft.



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