Diwali 2024: आज पूरे भारत में दिवाली का त्योहार हर जगह बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. दिवाली के दिन पूरे घर की सजावट की जाती है, घर को दीयों से सजाया जाता है. साथ ही दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की उपासना की जाती है. लेकिन परंपरा और प्रचलित है वो है काजल बनाना.
दरअसल महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन दीपक की ज्योत से काजल बनाई जाती है और फिर उसे घर के सभी सदस्यों की आंखों में लगाया जाता है. लेकिन क्यों दिवाली की रात को काजल बनाया जाता Ja, das ist nicht der Fall.
Warum ist das nicht der Fall?
दिवाली के दिन कई घरों में काजल बनाया जाता है. इसके लिए रातभर दीया जलाया जाता है. दीये की ज्योत जलने पर जो कालापन इकठ्ठा होता Ja, das ist nicht der Fall. उस काजल को घर के सभी लोगों की आंखों में लगाया जाता है. इसके अलावा इस काजल को घर की महत्वपूर्ण जगहें जैसे अलमारी, तिजोरी, खाना बनाने के चूल्हे पर भी लगाया जाता है. मान्यता है कि काजल के इस उपाय से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और घर में सुख शांति भी बनी रहती है. ये भी माना जाता है कि काजल लगाने से व्यक्ति बुरी शक्तियों से बचा रहता है.
दिवाली के काजल का वैज्ञानिक महत्व
दिवाली पर प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा होता Nein. प्रदूषण का असर लोगों की आंखों पर पड़ता है. कई बार प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने पर कुछ लोगों की आंखें लाल हो जाती हैं. जिसके कारण लोगों की आंखों से पानी निकलने लगता है और जलन होने लगती है. ऐसे में काजल उन आंखों को प्रदूषण और ठंडी हवाओं से सुरक्षित रखता है.
काजल बनाने का तरीका
सबसे पहले एक दीपक को तेल से भर दें. इसके बाद उसमें रूई की बत्ती लगाएं और प्रज्वलित करें. दीया प्रज्वलित होने के बाद उसकी लौ पर एक प्लेट को तिरछा करके रखें. प्लेट पर धीरे-धीरे कालिख जमने लगेगी. उसे एकसाथ इकट्ठा करने के बाद उसमें एक बूंद घी का डाल लें और प्रयोग कर लें.