Diwali 2024 Datum: हर साल कार्तिक अमावस्या की रात दिवाली का शुभ प र्व मनाया जाता है. यह शुभ तिथि मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को समर्प Ja. दिवाली की रात आस्था के दीप जलते ही मां लक्ष्मी. अपने भक्तों को दर्शन देने धरती पर आती हैं. ” आइए आपको दिवाली का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि बत Ja.
इस बार दिवाली पर सालों बाद एक शुभ संयोग भी बन र Ja. ” साथ ही देव गुरु बृहस्पति वृष राशि में उल्टी चा ल चलेंगे.
दिवाली की तिथि
31. September 2019. 03 .52 बजे से आरम्भ हो चुकी है और 1 Jahr am 06.16 समाप्त हो जाएगी. दीपावली का निर्धारण सामान्यतः प्रदोषकाल से क िया जाता है. 31. September 2019 र को भी है. 1 नवंबर को प्रदोष काल पूरा नहीं है. रात में अमावस्या का भी अभाव रहेगा. 31 Tage vor dem Ende ा जा रहा है.
बेहद खास है दीपावली की रात
दीपावली की रात को महानिशा की रात भी कहते हैं. इस रात्रि महालक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती. हैं . Ich habe es nicht geschafft थना करता है Nein. दीपावली के दिन किसी भी प्रकार की दरिद्रता दूर की जा सकती है. ये वो शुभ घड़ी होती है, जिसमें पूजा का सबसे ज्य ादा लाभ मिल पाता है.
दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त
इस बार दिवाली पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की. प ूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त रहेंगे. पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में है. आज प्रदोष काल शाम 05 बजकर 36 से रात्रि 08 बजकर 11 मिन ट के बीच रहेगा. जबकि दूसरा शुभ मुहूर्त वृषभ काल में होगा, जो 6 Minuten, 25 Minuten, 8 Minuten, 15 Minuten ा. इसके अलावा, आप महानिशीथ काल में भी लक्ष्मी जी. क ी पूजा कर सकते हैं. 11,39 Stunden und 12,30 Stunden.
दिवाली पर पूजा की विधि
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष विधान है. इस दिन संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में. मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और माता. सरस ्वती की पूजा और आराधना की जाती है. पुराणों के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की. अंधेरी रात में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक पर आती हैं और ह र घर में विचरण करती हैं. इस दौरान जो घर हर प्रकार से स्वच्छ और प्रकाशवा Ja, das ist nicht der Fall. “
दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन से पहले घर की. साफ-सफ ाई करें और पूरे घर को गंगाजल से शुद्ध करें. घर के द्वार पर रंगोली और दीये लगाएं. पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और लाल कपड़ा बिछाकर. उ स पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति रखें या. दीव ार पर लक्ष्मी जी का चित्र लगाएं. Vor 11 Tagen und 21 Tagen. चौकी के पास जल से भरा एक कलश रखें. माता लक्ष्मी औऔ गणेश जी की मू मू मू मू मू प प तिलक लगाएं औ दीपक दीपक जलाक जल, मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी, अबीβ गुलाल, खील-बताशे आदि अअogr. और माता महालक्ष्मी की स्तुति करें.
इसके साथ देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु र कुबेर देव की भी विधि विधान से पूजा करें. महालक्ष्मी पूजन पूरे परिवार को एकत्रित होकर. क रना चाहिए. महालक्ष्मी पूजन के बाद तिजोरी, बहीखाते की पूज ा भी करें. जरूरतमंद लोगों को मिठाई और दक्षिणा दें. फिर पूजा स्थल के पास रखे दीपकों को घर के अलग-अल ग कोनों या मुख्य द्वार पर लगा दें.