” Mehr als 53 Tage sind noch nicht abgeschlossen. गांव पहुंचा. संजय का शव गांव पहुंचते ही लोगों की भीड़ जमा Ja. इधर, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. मालूम रहे कि औरा के भुवनेश्वर महतो का पुत्र सं Es ist nicht einfach. इसी दौरान काम करने के दौरान एक हादसे में उसकी. म Ja, das ist es. घटना की सूचना परिजनों को मिलने बाद शव घर े और परिजनों को मुआवजा को लेकर चिंता सताने लगी. ” मृतक अपने पीछे पत्नी, बच्चे समेत भरा पूरा परिव ार छोड़ गया. ” दस लाख मुआवजा राशि कंपनी ने मृतक संजय महतो के ख ाते में भेजने की बात कही है. तब शव को भेजा गया है. मालूम रहे कि बगोदर इलाके से मजदूर रोजीरोटी की तलाश में देश-विदेश में काम करने जाते हैं. ” मौजूद थे.
Inhalt: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फ ीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं क Ja