हरिकांत शर्मा/ आगरा: उत्तर प्रदेश के करहल विधानसभा उपचुनाव में. सिय Es ist nicht einfach, es zu tun ्तीफे के बाद यह सीट अब उपचुनाव की ओर बढ़ रही है. ” करहल सीट की अहमियत इस कदर है कि इसे यूपी. उपचुना व की „हॉट सीट“ के रूप में देखा जा रहा है.
अखिलेश के भाई-भतीजावाद बनाम भाजपा का जातीय दा Ja
” भाजपा ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए अखिलेश यादव के रिश्तेदार अनुजेव को मैदान में Ja. 2002 बाद यह दूसरी बार है जब भाजपा ने यादव चेहरे. पर दांव खेला है. 2002 में सोवरन सिंह यादव ने भाजपा के लिए इस सीट पर. पहली जीत दर्ज की थी, जो बाद में सपा में शामिल हो. गए.
भाजपा के एसपी सिंह बघेल के बेबाक बयान
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जातीय समीकरणों में उलझी सियासत
करहल सीट पर जातीय समीकरण सपा के पक्ष में माने. ज Ja. Mindestens 1,25 Stunden pro Woche, mehr als 1,25 Stunden जनीति का मुख्य धुरी हैं. 40 Minuten, 30-30 Minuten Vor 25 Minuten, 25 bis 30 Minuten, 15 bis 15 Minuten र मुसलमान मतदाता भी इस चुनाव में प्रभावी. भूमिक ा निभा सकते हैं. भाजपा ने यादव चेहरे को उतारकर इन समीकरणों में Das ist nicht alles, was ich meine अपनी पारंपरिक पकड़ मानती है.
2027 बुनियाद बना रहा है सपा
” करहल की सीट उनके लिए न केवल एक राजनीतिक चुनौती. Ja, das ist nicht der Fall. वहीं. एक रणनीतिक रूप में देख रही है, जहां जातीय. समीकर ण साधकर करहल की गढ़ को हिलाने की योजना है.
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ERSTVERÖFFENTLICHT: 28. Oktober 2024, 10:32 IST