Was ist ‘नेता’? साउथ के हीरो सियासत में सुपरहिट, लेकिन नॉर्थ म Warum ist das nicht möglich?

Was ist ‘नेता’? साउथ के हीरो सियासत में सुपरहिट, लेकिन नॉर्थ म Warum ist das nicht möglich?


1983. Die erste Ausgabe des Jahres 1983. तब आंध्र का बंटवारा नहीं हुआ था. चुनाव से कुछ महीने पहले राजीव गांधी हैदराबाद Ja. तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमं त्री थे टी. Ja. कहा जाता है कि एयरपोर्ट पर राजीव गांधी ने टी. अंजैया का अपमान कर दिया. बाद में अंजैया की सरकार को भी बर्खास्त कर दिया. Ja.

” उन्होंने राजीव गांधी की तरफ से किए गए अंजैया क े अपमान को तेलुगु अस्मिता से जोड़ दिया. विधानसभा चुनाव से पहले आठ महीने तक 75 हजार किलो मीटर की यात्रा की.

Es ist nicht einfach र को उखाड़ फेंका. चुनाव से चंद महीने पहले बनी टीडीपी ने राज्य की. 294 Monate und 201 Jahre. Mehr als 60 Minuten. कभी फिल्मों में कृष्ण, कर्ण और दुर्योधन का किर दार निभाने वाले एनटी रामा राव अब मुख्यमंत्री. ब न चुके थे.

” उनसे पहले एमजीआर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बन Ja.

साउथ के एक और स्टार की पॉलिटिक्स में एंट्री

” “

‘तमिलगा वेट्ट्री कझगम’ यानी „टीवीके“ तमिलनाडु का विधानसभा चुनाव ी. वैसे तो विजय ने इसी साल जुलाई में ही अपनी. पार्ट लॉन्च कर दी थी. 27. September 2019 ई. विजय ने इस रैली को संबोधित किया. टीवीके की पहली रैली में लाखों लोगों के शामिल ह ोने का दावा किया जा रहा है.

Ich habe es nicht geschafft ा कि उनकी 2026 में होने विधानसभा व भी लड़ेगी. इसके साथ ही उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि वो कि सी पार्टी से गठबंधन के लिए भी तैयार है.

तमिलनाडु में अप्रैल 2026 में विधानसभा चुनाव होन े हैं. विजय की एंट्री से ये चुनाव भी दिलचस्प हो गया . वो इसलिए क्योंकि अब तक तमिलनाडु में. मुख्यमंत् Es ist nicht einfach मुकाबला देखने को मिलता था. कांग्रेस और बीजेपी इनके साथ गठबंधन में रहती थ Ja.

अपनी पहली रैली में विजय ने द्रविण और तमिल राष् ट्रवाद का मुद्दा उठाया. उन्होंने पेरियार का भी जिक्र किया. कम्युनिस्ट रहे पेरियार का तमिलनाडु में गहरा. अ सर रहा है और है. हालांकि तिकता के सिद्धांत को नहीं मानते.

उनकी रैली में शामिल हुए एक फैंस ने न्यूज एजेंस Im Jahr 2026 ist es soweit. उनका बहुत असर पड़ेगा.

(Foto-PTI)

तमिलनाडु में फिल्म और सियासत

तमिलनाडु की सियासत में यहां की फिल्मों ने बड़ ा असर डाला है. तमिलनाडु की राजनीति में छह दशक से ज्यादा लंबा वक्त बीत गया है, जब यहां के मुख्यमंत्री का सिनेमा से न हो.

सीएन अन्नादुरई, एम. ”

” 1967, 1967, 1967, 1967 डु में डीएमके की सरकार बनी. भारत में ये पहली बार था जब किसी राज्य में किसी क्षेत्रीय पार्टी ने अपने दम पर सरकार बनाई थी.

अन्नादुरई के बाद डीएमके की कमान संभालने वाले Das ist nicht alles. Das ist nicht alles. काम किया था. एमजी रामचंद्रन भी तमिल सिनेमा के बड़ा चेहरा थ े. 1977 und 1987. जयललिता भी फिल्मों में थीं. Es ist nicht einfach ल्मों में एक्टिंग कर चुके हैं. उनके बेटे उदयानिधि स्टालिन भी एक्टर रहे हैं.

Das ist nicht der Fall

दक्षिण भारत में कई फिल्मी सितारे सियासत में भ ी किस्मत आजमा चुके हैं. 2017 में तमिल सिनेमा के सुपरस्टार रजनीका Es ist nicht einfach.

उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी भी शुरू की. Das Jahr 2021 ist noch nicht abgeschlossen. Ja. लेकिन दिसंबर में मेडिकल कंडीशन सही न होने के कारण उन्होंने सियासत से दूरी बना ली.

Geschrieben von 2008 bis 2008 ्यम पार्टी नाम से अपनी पार्टी शुरू की. 2009, 18. September 2009 टें भी जीतीं. बाद में उनकी पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गय ा. Im Jahr 2014 haben wir uns für eine Weile entschieden. हालांकि, उनकी विरासत को उनके छोटे भाई और सुपरस ्टार पवन कल्याण ने संभाला.

Die letzte Ausgabe des Jahres 2014 ist eine neue Ausgabe. 2014 und 2019 sind noch nicht fertig ास कमाल नहीं कर सकी. लेकिन इस साल हुए आंध्र विधानसभा चुनाव में उनक Am 21. September. चंद्रबाबू नायडू की सरकार में पवन कल्याण. डिप्ट ी सीएम हैं.

इसी तरह कमल हासन भी सियासत में किस्मत आजमा चुक े हैं. 2018 में मक्कल निधि मय्यम नाम से पार्टी. Ja. 2021 तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में कमल हासन ने बीजेपी की श्रीनिवासन से हार गए.

एनटी रामा राव. (फाइल फोटो)

बॉलीवुड की बजाय साउथ के एक्टर ज्यादा कामयाब

ऐसा नहीं है कि सिर्फ साउथ इंडिया के फिल्मी स्ट ार ही सियासत में किस्मत आजमाते हैं. बॉलीवुड और नॉर्थ इंडिया के फिल्मी सितारे भी र ाजनीति में दांव खेल चुके हैं. हालांकि, राजनीति में दक्षिण के फिल्मी. सितारों को जितनी कामयाबी मिली है, उतनी इन्हें नहीं मिल. Ja.

” लेकिन बॉलीवुड या बाकी इंडस्ट्री से जुड़ा कोई Es ist nicht einfach.

Was ist los? दरअसल, इसके पीछे साउथ की फिल्में ही हैं. उदाहह के लिए, 60 औऔ 70 के में तमिल सिनेमा में फिल फिल्में बनती थीं उनमें उनमें छुआछूत छुआछूत जमींदार की प्था औऔ धार्मिक पाखंड का विवि दिखा याता था था था थ पाखंड काोध दिखाया त थond. ज्यादात फिल्मों में ‘अन्ना’ नाम का किार होता था, जो बुद्धिमान था औऔ तत्कों के साथ इन क का विकका था था. ये अन्नादुरई का जमाना था और उन्हें भी लोग अन्न ा के नाम से जानती थी. ऐसे में जब अन्नादुरई रैलियां करते थे तो उन्हे ं देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ती थी. फिल्मों ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ा दिया था.

Das ist nicht der Fall. उन्होंने जो अपना पहला गाना गाया था, उसके बोल ्मा का प्यार’ थे. ये गाना तमिल में था. लेकिन इसके बाद जयललिता अम्मा के नाम से मशहूर ह ो गईं. जब जयललिता मुख्यमंत्री बनीं तो उन्होंने ‘अम्म ा’ नाम से कई योजनाएं शुरू कीं.

ऐसा ही उदाहरण एनटीआर का है, जो आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. थियेटर से बड़े पर्दे पर आने वाले एनटीआर ने ज्य ादातर फिल्मों में पौराणिक किरदार ही निभाए. इसने उन्हें लोकप्रिय बना दिया. “



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